एक विराट संगठन का छठा महा अभियान
नरेन्द्र भदौरिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 100 वर्षों की यात्रा में कई घुमावदार अवरोधों को बड़े कौशल से पार किया है। इस यात्रा में पाँच बड़े अभियान बडी कुशलता से…
‘अहम् पितरं सुवे’ ‘अहं सुवे पितरम्’
ऋग्वेद दशम मण्डल ‘देवी-सूक्त’ में यह स्वयं देवी का वचन है। पितृ तत्व नित्य है। यह कोई अनुपस्थित की क्षणिक उपस्थिति नहीं है। यह अस्तित्व के बाद का काव्यात्मक या…
जीवनज्योत संघ ज्योति में एकरूप करने वाले ‘मधु भाई’
रमेश पतंगे मधु भाई ने एक दीप की आराधना की, वह दीप यानि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। युवावस्था में आकर्षित करने वाली असंख्य विचारधाराएं थीं, परंतु मधु भाई ने अपना चित्त…
दूव घास है खास, क्योंकि यह सिर्फ धार्मिक रूप से पवित्र नहीं है, बल्कि विज्ञान के सिद्धांत के हिसाब से भी यह अन्य सभी वनस्पतियों से श्रेष्ठ है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा (दूब) की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है, माना जाता है कि यह भगवान विष्णु की जांघ के रोम से निकली है, जो मंदराचल पर्वत…
दक्षिण में पहुँची उत्तर से उठी लहर
विजय मनोहर तिवारी “युवा धर्म संसद’ की सार्थक पहल अपनी स्मृतियों पर समय के साथ सदा ही चढ़ती रहने वाली धूल की परत को झाड़ने का एक पुनीत प्रयास है।…
डॉ. हेडगेवार : ‘राष्ट्र की ‘आत्मा-चेतना’ के पुरोहित
बीसवीं शताब्दी का भारत केवल अंग्रेजी पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा न था, वह सांस्कृतिक विस्मृति और सामाजिक विखंडन की वेदना से भी व्याकुल था। अंग्रेजी शासन की शक्ति केवल…
राष्ट्रधर्म, राष्ट्रनिष्ठा और राष्ट्रनिर्माण के रथी : मोहन भागवत
प्रणय विक्रम सिंह भारत की राष्ट्रीय चेतना जब-जब विघटनकारी विचारों और विभाजनकारी प्रवृत्तियों से आहत हुई, तब-तब संघ नेतृत्व दीपक बनकर दिशा देता रहा है। सरसंघचालक का दायित्व केवल संगठन…
मोहन भागवत जी हमेशा से ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के प्रबल समर्थक रहे हैं : पीएम मोदी
आज 11 सितंबर है। यह दिन अलग-अलग स्मृतियों से जुड़ा है। एक स्मृति 1893 की है, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्वबंधुत्व का संदेश दिया और दूसरी स्मृति है…
नेपाल का विद्रोह और भारत-नेपाल संबंधों में गोरक्षपीठ की भूमिका
प्रणय विक्रम सिंह भगवान पशुपतिनाथ की कृपा-भूमि नेपाल इस समय विद्रोह की उफनती लहरों में डगमगा रहा है। Gen Z आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वहां की…
देशभक्ति और देवभक्ति अलग-अलग नहीं – डॉ. मोहन भागवत जी
नागपुर, १० सितम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि देवभक्ति और देशभक्ति, यह दो शब्द भले ही अलग दिखते हों, लेकिन हमारे देश में…